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Physics(12th): विद्युत आवेश तथा विद्युत क्षेत्र Ch:-01 -Alert Info Tech


Electrostatic ( स्थिर वैद्युतिकी)

:- भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें आवेशों को स्थिरा अवस्था में अध्ययन किया जाता है। वे Electrostatics कहलाता है।

 

--------------  विद्युत आवेश तथा विद्युत क्षेत्र  -------------

(Electric charge and Electric field)

आवेश का इतिहास(History of charge)

👇👇

  • घर्षण से विद्युत उत्पन्न होना थेल्स नामक वैज्ञानिक ने 600 ई. पूर्व पहले बतलाया।
  • आवेश शब्द का नामकरण William Gilbert ने किया। 
  • आवेश का बीजगणितीय चिन्ह (+ve,-ve) बेंजामिन फ्रेंकलिन ने बतलाया था। 
  • इलेक्ट्रॉन पर आवेश तथा द्रव्यमान मिल्लिकन ने बतलाया था।

आवेश(Charge)

आवेश:- किसी पदार्थ का वह गुण है। जिसकी सहायता से किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र का चुंबकीय क्षेत्र का अनुभव प्राप्त होता है। आवेश कहलाता है।

या

आवेश एक प्रकार का गुण है। जिसके कारण वस्तु में वैद्युत या चुंबकीय गुण आ जाता है।

या

आवेश किसी वस्तु का वह गुण है। जिसके कारण अन्य वस्तुओं को आकर्षित या प्रतिकर्षित करने लगता है।

  • इसे Q या q से सूचित किया जाता है।
  • यह एक अदिश राशि है।
  • जिसका मात्रक SI(International System) पद्धति में कूलम्ब (Coulomb) तथा CGS (Centimeter Gram Second) पद्धति में स्टेट कूलम्ब (SC) या एब्सलूट कूलम्ब(AC) होता है।
  •  इसका मात्रक फैराडे भी होता है। और यह आवेश का सबसे बड़ा मात्रक है।

Faraday=96500C

  • आवेश का बीमा [IT] या [AT] होता  है।

Q. आवेश का मात्रक है।

(A) ऐम्पियर×सेकंड

(B)मीटर×सेकंड

(C)सेकंड×मीटर

(D)इनमें से कोई नहीं

 

SC = e.s.u (Electro Statics Unit)

AC = e.m.c (Electro Statics Unit)

 

1AC = 10 Coulomb = `3\times10^9SC` 

10 Coulomb = `3\times10^9SC` 

1 Coulomb = `\frac{3\times10^{10}}{10}` = `3\times10^9SC` 

1 Coulomb = `3\times10^9SC` 


Q. एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश की मात्रा होता SC है?

(A)`1.6\times10^{-19}SC`
(B)`4.8\times10^{-19}SC`
(C)`4.8\times10^{-10}SC`
(D)`3.2\times10^{-10}SC`

                               Solution:-👇👇

1 Electron = `1.6\times10^{-19}C`

= `1.6\times10^{-19}` × 1 Coulomb

`1.6\times10^{-19}\times3\times10^9`

`4.8\times10^{-10}SC` Ans


Q. एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश की मात्रा होता Aहै?

(A)`1.6\times10^{-18}AC`

(B)`1.6\times10^{-20}AC`

(C)`1.6\times10^{-19}AC`

(D)`1.6\times10^{-21}AC`


Solution:-👇👇

1 Electron = `1.6\times10^{-19}`

 = `1.6\times10^{-20}AC` ×  `10^{-1}`

= `1.6\times10^{-20}AC` Ans


Q. निम्न में बढ़ते क्रम में है:-
(A)SC<C<AC

(B)AC<C<SC

(C)SC<C=AC

(D)AC>C>SC

आवेश दो प्रकार का होता है।

·        धन आवेश(Positive Charge):- जब किसी वस्तु से इलेक्ट्रॉन निकाला जाए अर्थात वस्तु इलेक्ट्रॉन का त्याग करता है। तो धन आवेशित हो जाता है।

·        ऋण आवेश(Negative Charge):- जब  किसी वस्तु को इलेक्ट्रॉन दिया जाए अर्थात वस्तु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है। तो वह ऋण आवेशित हो जाता है।

Q.  किसी वस्तु को धन आवेशित करने पर उसका द्रव्यमान:-

(A)    थोड़ा घटेगा

(B)    अपरिवर्तित हो रहेगा

(C)    थोड़ा बढ़ेगा

(D)   कुछ-कुछ जा सकता

Q. किसी वस्तु को आवेशित करने पर उसका द्रव्यमान:-

(A)    घटेगा

(B)    बढ़ेगा

(C)    घट भी सकता या बढ़ भी सकता है।

(D)   इनमें से कोई नहीं

🔺दो धन आवेश या दो ऋण आवेश है। तो एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। यानी कि समान प्राकृतिक वाले आवेश प्रतिकर्षण करेंगे। और अगर एक धन आवेश है और एक ऋण आवेश है। तो आकर्षित करेंगे यानी कि विपरीत प्राकृतिक वाले आवेश आकर्षण करेंगे।

🔺अगर कोई वस्तु में इलेक्ट्रॉन (`e^-`) और प्रोटोन (`P^+`)की संख्या बराबर है। तो उसे उदासीन कहते हैं।

`e^-` = `P^+`

उदासीन (ना ही धन आवेश और ना ही ऋण आवेश होता है|)

🔺 Electron  का मान कितना होता है?

`e\;=\;1.6\times10^{-19}C`

आवेश का क्वांटमीकरण(quantization of Charge)

:- किसी आवेशित वस्तु पर आवेश की मात्रा हमेशा पूर्ण गुणज के रूप में पाई जाती है।

अर्थात

आवेश (q) = `\pm`ne

 

जहां n = 0,1,2,3

∴  q = `\pm`1e , `\pm`2e , `\pm`3e

अतः आवेश को अनिश्चित रूप में छोड़ने जाता है। आवेश के इस गुण को क्वांटमीकरण कहते हैं।

Q. किसी वस्तु से 1000`e^-` जाते तो उस वस्तु पर आवेश की मात्रा और आवेश की प्रकृति बताऐं?

Ans:-

        q = 1000

        Q = ?

         Q = ne

                = `1000\times1.6\times10^{-19}`

                = `10^3\times1.6\times10^{-19}`

                = `1.6\times10^{-16}`

                प्रकृति = धन आवेश


Q. किसी वस्तु 500`e^-` दिया गया है तो उस वस्तु पर आवेश की मात्रा एवं आवेश की प्रकृति बताऐ?

Ans:-

            n = 500 ,                    e = `-1.6\times10^{-19}`C

            Q = ? 

            Q = ne

                = `500\times1.6\times10^{-19}`

                = `5\times10^2\times1.6\times10^{-19}`

                = `1.6\times10^{-16}`

                 प्रकृति = ऋण आवेश


Q. किसी वस्तु से `10^9e^-` निकालने पर उस पर आवेश का मान एवं प्रकृति क्या होगा?

Ans:-
        Q = ne
        q = `10^9\times1.6\times10^{-19}`
        q = `1.6\times10^{-10}`C

        प्रकृति = धन  आवेश

Q. किसी वस्तु पर आवेश संभव है:-

 (A)`4.8\times10^{-21}`C

 (B)`3.2\times10^{-20}`C

 (C)`6.4\times10^{-18}`C✅     

 (D)   इनमें से कोई नहीं


Q. किसी वस्तु पर आवेश की न्यूनतम मात्रा संभव है:-

(A) 1e✅

(B) 1.5C

(C) 1C

(D)  1AC

  

Q.किसी वस्तु से कितने इलेक्ट्रॉन निकाले गए होंगे कि उस पर 1C का धन आवेश आ जाए?

(A)`1.6\times10^{-19}`

(B)`6.25\times10^{-19}`
(C)`6.25\times10^{18}`✅
(D)`6.25\times10^{-18}`


आवेश संरक्षण का सिद्धांत 

(Principal of Conservation of Charge)


🔺:-आवेश संरक्षण के सिद्धांत या नियम यह बताता है कि आवेश को ना ही उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता है बल्कि एक वस्तु से दूसरे वस्तु में रूपांतरण किया जाता है

     NOTE:- जब रेडियो सक्रिय पदार्थ से अल्फा(α )कण उत्सर्जित होती है तो उसके परमाणु संख्या 2 की कमी तथा द्रव्यमान संख्या में 4 की कमी होती है लेकिन जब भी β उत्सर्जित होती है तो परमाणु संख्या 1 की कमी तथा द्रव्यमान संख्या ज्यों का त्यों रहता है 

आवेश के गुण
(Properties of Charge)

  1. आवेश अदिश राशि हैं । सजातीय आवेशों के बीच विकर्षण ( repulsion ) की क्रिया होती है तथा विजातीय आवेशों के बीच आकर्षण ( Attraction ) की क्रिया होती है। 
  2. आवेश क्वांटमीकृत होता है। 
  3. आवेश संरक्षण के सिद्धांत के नियम का पालन करता है। 
  4. ऐसा संभव हैं कि किसी body के पास द्रव्यमान हो पर आवेश न हों लेकिन ऐसा संभव नहीं है कि किसी body के पास आवेश हो पर द्रव्यमान न हों। 
  5. आवेश का परिमाण वस्तु के वेग पर निर्भर नहीं करता है।

आवेश द्रव्यमान में अंतर स्पष्ट करें:-

आवेश

द्रव्यमान

  1. आवेश + ve और -ve होता है।
  2. आवेश अदिश राशि है।
  3. आवेश क्वांटमीकरण को दिखाता है।
  4. आवेश रहित वस्तु में द्रव्यमान संभव है।

  1. द्रव्यमान हमेशा +ve होता है।
  2. द्रव्यमान मूलभौतिक राशि है।
  3. द्रव्यमान का क्वांटमीकरण नहीं होता है।
  4. द्रव्यमान रहित वस्तु में आवेश संभव नहीं है।


आवेशन की विधियाँ ( Methods of Charging ) :- 

1. घर्षण विधि ( Frictional Method ) :- जब दो वस्तु को आपस में घर्षण कराया जाता है तो एक वस्तु से इलेक्ट्रॉन निकलकर दूसरे वस्तु में चले जाते हैं, जिससे पहले वस्तु घनावेशित एवं दूसरे वस्तु ऋणावेशित हो जाता है। इस तरह वस्तु आवेशित हो जाती है। जैसे : - Atomspheric lighting ( तड़ित चालक ) 
जब दो वस्तु को आपस में रगड़ते हैं,  

धन- आवेश

ऋण आवेश

काँच के छड़

रेशम का कपड़ा

फर या ऊन

एबोनाइट या रबड़

सुखे बाल

कंघी

ऊन

प्लास्टिक

 प्रश्न :- हवाई जहाज के टायर विशेष रबर के बनाई जाती है जिसमें कुछ चालकता होती है, क्यों? 
उत्तर :- जब हवाई जहाज उड़ता है तो हवाई जहाज और हवा के बीच घर्षण होते रहने के कारण हवाई जहाज का पूरा body आवेशित हो जाता है। जब ये हवाई जहाज भूमि पर उतरते हैं तो आवेश टायरों के सहारे भूमि में चले जाते है, यदि ऐसा नहीं होता तो विद्युत विसर्जन की क्रिया द्वारा दुर्घटना हो सकती है। 
2. प्रेरण विधी :- जब अनावेशित वस्तु के निकट आवेशित वस्तु को लाई जाती है, तो अनावेशित वस्तु पर विपरित प्रकृति के आवेश उत्पन्न हो जाते हैं। इस विधी को प्रेरण विधी कहते हैं।
3. चालन विधि ( Conductional Method ) :- जब आवेशित वस्तु को अनावेशित वस्तु से जोड़ी जाती है, तो अनावेशित  वस्तु पर उसी प्रकृति के आवेश उत्पन्न हो जाती है, इस विधी को चालन विधी कहते हैं।
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Fig.चालन विधि ( Conductional Method )
Q= `q_1` + `q_2`

विद्युत बल ( Electric force ) :- 

  • दो सजातीय या विजातीय आवेशों के बीच लगने वाले बल को “ विद्युत बल " कहलाता है। 
  • विद्युत बल एक संरक्षी बल है। 
  • विद्युत बल गुरुत्वाकर्षण बल एवं चुम्बकीय बल से अधिक शक्तिशाली है। 
  • विद्युत बल एक केन्द्रिय बल का उदाहरण है। 

कुलंब के सीमायें को लिखें :- 

  1. कुलंब का नियम Point charge के लिए valid है। 
  2. यह नियम charge at rest या slow moving charge के लिए valid है ।
  3. यह नियम बड़ी दुरीयों से लेकर छोटी दूरीयों के लिए लागू होता है । 

स्थिर वैद्युत के लिए कुलंब का नियम 

Statement :- दो बिन्दुवत आवेशों के बीच लगने वाले विद्युत बल का परिमाण उन दोनों आवेशों के परिमाण के गुणनफल के समानुपाति एवं बीच के दुरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाति होता है।
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Digram 
समी-0 ( i ) तथा ( ii ) को मिलाने पर,
`F∝(q_1.q_2)/r^2`
`F=K (q_1.q_2)/r^2`
जहाँ, K एक नियंतांक है जिसे “विद्युत बल नियतांक" कहा जाता है।
`K=1/4πε`
जहाँ ε विद्युतशीलता है।
`ε=ε_°.ε_r`
`ε_°` =विद्युतशीलता नियतांक
`F=1/(36π×10^9 )=8.854×10^(-12) C^2`/`Nm^2`
`F=1/(4πε_° ε_r )∙(q_1 q_2)/r^2`
`1/(4πε_° )=9×10^9Nm^2`/`C^2`
  • Air and vaccume के लिए  `ε_r`=1
  • Metal के लिए  `ε_r`=∝
  • Water के लिए  `ε_r`=81
  • अन्य पदार्थ के लिए  `ε_r` का मान 1 तथा ∝ के बीच होता है।

स्थिर वैद्युत के लिए कुलंब के नियम को सदिश के रूप में लिखें:-


`q_1` आवेश पर `q_2` के कारण लगने वाला विद्युत बल `F ⃗_12=K (q_1.q_2)/r^2 r ⃗_21………..(1)`
`q_2` आवेश पर `q_1` के कारण लगने वाला विद्युत बल `F ⃗_21=K (q_1.q_2)/r^2 r ⃗_12`
`∴r ̂_12=-r ̂_21`
`F ⃗_21=-K (q_1.q_2)/r^2 r ̂_21………..(2)`

 एकांक आवेश (Unit Charge) 

सजातीय एवं समान परिमाण के दो आवेश निर्वात में 1m की दुरी पर स्थित हों तथा वे दोनों आवेश `9×10^9 N` के विकर्षण बल का अनुभव करते हैं, उसे "Unit Charge/1 Coulomb कहा जाता है। 
`1C=6.25×10^18 electron`

विद्युत क्षेत्र (Electric field)

किसी आवेश के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें किसी अन्य आवेश को लाने पर विद्युत बल का अनुभव करता है, “विद्युत क्षेत्र" कहलाता है।

 परीक्षण आवेश (Test charge)

वह सूक्ष्तम आवेश जिसे किसी विद्युत क्षेत्र में लाने पर विद्युत क्षेत्र की अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं करता है, उसे “परीक्षण आवेश" कहते हैं। 
Test Charge का चिह्न धनात्मक लिया जाता है।

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता (Intensity of Electric field)

किसी विद्युत क्षेत्र में स्थित प्रति एकांक धनात्मक आवेश पर लगने वाले बल को  “विद्युत क्षेत्र की तीव्रता" कहा जाता है। 
यह एक सदिश राशि है जिसे `E ⃗` से सूचित किया जाता है। 
विद्युत क्षेत्र की तिव्रता - `((E) ⃗)=F ⃗/q_10`
इसका मात्रक S.I पद्धति में N/C या V/m होता है।
विमा ( `MLT^(-3) A^(-1)` ) 
बिन्दुवत आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक `M=1/(4πε_∘ )`

विद्युत बल रेखाएँ क्या है?

 किसी विद्युत क्षेत्र में कोई धनात्मक आवेश चलने के लिए स्वतंत्र होता है एवं जिस पथ से वह होकर चल सकता है, उस पथ को "विद्युत बल रेखाएँ" कहते है।

विद्युत बल रेखायें के विशेषताएँ

1.विद्युत बल रेखायें धनात्मक आवेश से उत्पन्न होती है एवं ऋणात्मक आवेश पर समाप्त होती है।
2.विद्युत बल रेखायें एक Continuous Line होती है।
3.विद्युत बल रेखायें के किसी बिन्दु पर खींचा गया स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र के दिशा को बताता है।
4.आवेशित चालक से विद्युत बल रेखाएँ तल के लम्बवत निकलती है।
5.विद्युत बल रेखायें कभी भी एक-दूसरे को नहीं काटती हैं क्योंकि जिस बिन्दु पर काटेगी उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र के दो दिशा को प्रदर्शित करेगी जो संभव नहीं है।
6.विद्युत बल रेखायें Close loop का निर्माण नहीं करती है।

परावैधुत शक्ति

परावैद्युत शक्ति जब किसी पदार्थ को विद्युतीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो इसके अणुओं में अलगाव होने से यह विघटित हो जाता है। किसी पदार्थ का परावैद्युत शक्ति वह महत्तम क्षेत्र है। जिस पर पदार्थ का विद्युतीय विघटन नहीं होता है। हवा का परावैद्युत शक्ति `3×10^6` V/m होता है। 

आपेक्षिक परावैद्युतांक

किसी पदार्थ के विद्युतशीलता ( ε ) और विद्युतशीलता नियतांक ( `ε_°` ) के अनुपात को पदार्थ का आपेक्षिक परावैद्युतांक कहते है। इसे `ε_r` से सूचित किया जाता है।

 क्वार्क क्या है ?


प्रकृति में इलेक्ट्रोन, प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन मूलभूत कणों से मिलकर बने है, जिसे “ क्वार्क" कहते हैं। 
क्वार्क दो प्रकार के होते है-
  1. UP क्वार्क (U) 
  2. down क्वार्क (d)

विशिष्ट आवेश (Specific Charge)

किसी वस्तु पर आवेश की मात्रा एवं उस वस्तु के द्रव्यमान की मात्रा अनुपात को विशिष्ट आवेश कहते है।
`sp.Charge=(charge of body)/(mass of body)=q/m`
 विशिष्ट आवेश का SI मात्रक c/kg
इलेक्ट्रॉन का विशिष्ट आवेश 1.8 `×10^11`  c / kg 
प्रोटॉन का विशिष्ट आवेश 9.5 `×10^7` c / kg

ज्वलनशील पदार्थ ले जा रही गाड़ियाँ से एक धातु की जंजीर जमीन तक लटकी रही है।कारण बताएँ

जब ज्वलनशील पदार्थ ले जा रही गाड़ियाँ गतिशील रहती है तो घर्षण के कारण उन पर आवेश उत्पन्न होता है। आवेश का अधिक हाने पर sparing होता है और आग लगने का डर रहता है। इससे बचने के लिये धातु की जंजीर की जमीन तक लटका दिया जाता है। जिससे उत्पन्न आवेश पृथ्वी में चला जाता है तथा आग लगने का डर नहीं रहता।


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